‘डरें नहीं, टेस्टिंग के लिए आगे आएं’


कोविड संवाद के दौरान विशेषज्ञों ने किया आवाहन

नागपुर: शहर में कोविड-19 का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है. कई मरीज़ होम क्वारंटाइन हैं. हालांकि, लक्षण होने के बावजूद, टेस्टिंग के लिए आगे न आने वाले मरीज़ों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. कोरोना एक संक्रामक रोग है. यह एक बहुत बड़ा ख़तरा है. इससे बचने के लिए उचित आत्मरक्षा सबसे बड़ा हथियार है. खुद की तथा किसी और की ज़िंदगी के लिए खतरा पैदा न हो इसलिए यदि लक्षण दिखाई दें या कोई नागरिक किसी मरीज़ से संपर्क में आएं तो बिना किसी भय या हिचकिचाहट के टेस्टिंग के लिए आगे आएं, यह आवाहन प्रसिद्ध कन्सल्टंट पॅथॉलॉजिस्ट डॉ. संजय देवतले और प्रसिद्ध हार्ट स्पेशलिस्ट तथा श्रीकृष्ण हार्ट इन्स्टिट्यूट के संचालक डॉ. महेश फुलवाणी ने किया.

नागपुर महानगरपालिका और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘ कोविड संवाद ‘ के दौरान गुरुवार को डॉ संजय देवतले और डॉ महेश फुलवानी ने नागरिकों के सवालों के जवाब देकर उनकी समस्याओं का समाधान किया और उन्होंने कई दिशा निर्देश भी दिए. बिना लक्षण वाले मरीजों को 17 दिनों तक होम क्वारंटाइन रहने की आवश्यकता होती है और यदि अँटीजेन परीक्षण का परिणाम नकारात्मक आता है, तो उन्हें घर से बाहर कहीं भी नहीं जाना चाहिए.

अगर एंटीजन टेस्ट पॉजिटिव है तो मरीज पॉजिटिव है लेकिन अगर एंटीजन टेस्ट नेगेटिव है तो मरीज़ के पॉजिटिव होने की भी संभावना होती है. इसके लिए आरटीएपीसीआर परीक्षण कराने की आवश्यकता है. इसलिए यदि कोई मरीज़ का रिपोर्ट एंटीजन टेस्टिंग कराने के बाद नेगेटिव आता है तो उसे गैरजिम्मेदार व्यवहार नहीं करना चाहिए. एक मरीज़ के कोरोना रिपोर्ट पॉज़िटिव आने पर किसी दुसरे लॅब से टेस्ट कराने पर रिपोर्ट नेगेटिव आने के भी कई मामले सामने आ रहे हैं. कोरोना रिपोर्ट एक बार पॉजिटिव आया तो यदि कुछ समय बाद मरीज़ में लक्षण नहीं पाए जाते हैं तो उस मरीज़ को 17 दिनों तक ‘आयसोलेशन’ पूर्ण करना अत्यंत आवश्यक है. इस नियम का पालन पूर्ण अनुशासन से करें. लक्षण पाए जाने पर नागरिक ‘गूगल’ सर्च कर अपने मन से इलाज न करें. खुद का डॉक्टर खुद न बनें. अपने नज़दीकी डॉक्टर के साथ संपर्क करें और जानकारी और सलाह प्राप्त करें, डॉ. संजय देवतले व डॉ. महेश फुलवाणी ने नागरिकों से आवाहन किया.




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