– किसी भी चुनाव प्रक्रिया के लिए इस्तेमाल किये जाने वाला तंत्र (तौर-तरीके) का उपयोग करने का सुझाव नगर के बालरोग तज्ञ डॉक्टर उदय बोधनकर ने राज्य सरकार को दी
नागपुर : महाराष्ट्र राज्य में केंद्रीय चुनाव आयुक्त के दिशा निर्देशों पर मतदाताओं तक पहुँचने,मतदान केंद्र,मत पेटियों के आवाजाही के लिए सरकारी बसों आदि का राज्य की चुनाव आयोग विभिन्न चुनावों के लिए दूर-दराज गांवों तक व्यवस्था करती हैं.इसी तंत्र-तकनीकी का इस्तेमाल कोरोना के फैलाव और टीकाकरण के लिए इस्तेमाल किया गया तो राज्य को 60 दिनों में कोरोना मुक्त किया जा सकता हैं.इसके लिए राज्य चुनाव आयोग को विश्वास में लेने का सुझाव नागपुर शहर के विख्यात बालरोग तज्ञ डॉक्टर उदय बोधनकर ने दी.
डॉक्टर बोधनकर के अनुसार राज्य के सभी गांवों में मतदान केंद्र हैं,अमूमन सभी गांव या उसके आसपास एसटी बसें पहुँचती हैं.इसी व्यवस्था का इस्तेमाल विभिन्न चुनावों में किया जाता हैं.
ऐसे में लॉकडाउन न करते हुए राज्य के तमाम नागरिकों तक जागरूकता,इलाज,दवा व टीकाकरण हेतु उक्त तंत्र का उपयोग किया गया तो महामारी के बढ़ते क्रम को रोका जा सकेगा।
डॉक्टर बोधनकर के अनुसार कोरोना वैक्सीन पुणे में बनाई जाती है, महाराष्ट्र की आबादी 12 करोड़ है,5 दिनों में 12 करोड़ टीके सीरम बना.
अर्थात टीका वितरण प्रणाली और टीकाकरण केंद्र तैयार हैं.
टीकाकरण के लिए हर मतदान केंद्र में शिक्षक-पटवारी(तलाठी)-ग्राम सेवक प्रणाली मदद ली जा सकती हैं.सरकार के पास पहले से ही ऐसी व्यवस्था है कि अगर सभी क्षेत्रों के कर्मचारी और अधिकारी काम करना शुरू कर दें तो लोगों को घर से लाना संभव है.
सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर सह अन्य सहयोगी कर्मी स्वयं होकर सरकारी उपक्रम के लिए आगे आएंगे तो कोई भी इससे महरूम नहीं हो पायेगा।क्यूंकि टीकाकरण निशुल्क हैं इसलिए इसमें धांधली या कालाबाज़ारी मुमकिन नहीं।इसलिए टीकाकरण 24 बाय 7 सुविधा होने से नागरिकों तक 3 माह के भीतर सफलतापूर्वक पहुंचा जा सकता हैं.
राज्य की जनता के लिए 48 सांसद,288 विधायक (मुख्यमंत्री,मंत्री सह) ने एक स्वर में देश के प्रधानमंत्री से 12 करोड़ जनता के लिए वैक्सीन की मांग की तो अविलम्ब टिका मिल सकता हैं.
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