नागपुर– प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ जागरूक पालक संघटन के योगेश पाथरे ने मनमानी फीस बढोत्तरी के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट के नागपुर बेंच में याचिका दायर की है.सरकार आदेश जारी करने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की हैं. मामले में शुक्रवार को जज सुनील शुक्रे और जज अविनाश घारोटे की खंडपीठ में सुनवाई हुई, जिसमें याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर हाईकोर्ट ने प्रतिवादी राज्य स्कूल शिक्षा विभाग व अन्य को नोटिस जारी कर 6 हफतों में जवाब मांगा है.
विद्यार्थियों के पालकों की मांग है कि यदि स्कूल ऑनलाइन पढ़ा रहे है, तो फीस में भी कमी होनी चाहिए, पालक केवल 50 प्रतिशत फीस भरने में ही सक्षम है. याचिका ने प्राइवेट स्कूलों के फीस स्ट्रक्चर में समानता लाकर उसे सरकारी नियंत्रण में रखने की मांग की हैं. मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट के.बी. आंबिलवाड़े और एडवोकेट किशोर चौधरी काम-काज देख रहे है.
याचिकाकर्ता के अनुसार शहर के प्राइवेट स्कूल हर साल 18 से 25 प्रतिशत स्कूल फीस बढ़ा रहे है.जबकि राज्य सरकार का नियम हैं कि निजी स्कूल 3 साल में एक बार ही फीस बढ़ा सकते है. पालक जब स्कूल से इसका जवाब मांगते हैं तो उन्हें जवाब नहीं दिया जाता है. इन्हें स्कूल से लौटा दिया जाता हैं. याचिकाकर्ता के अनुसार उन्होंने सबसे पहले 2019 को कलेक्टर को निवेदन सौप कर हर साल की जा रही, फीस बढोत्तरी का विरोध किया था. इसके बाद फीस के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से लेकर विभिन्न स्तर और निजी स्कूल संस्थानों के संघटनो को कई पत्र दिए थे.
लेकिन किसी तरह का कोई भी हल नहीं निकला. इसके अलावा याचिका में स्कूल फीस में कमी का भी मुद्दा उठाया गया हैं. कोरोना संक्रमण के चलते बीते डेढ़ वर्ष से स्कूल बंद हैं. इसके बावजूद स्कूल पालकों से पूरी फीस वसूल रहे है. कोरोना संकट में कई पालकों की नौकरी चली गई हैं. कई पालक आर्थिक परिस्थितियों का गंभीर सामना कर रहे है. इसके बावजूद स्कूलो कि फीस लाखों में हैं.
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