– नतीजा वेकोलि(WCL) का खर्च बढ़ रहा
नागपुर : कोयला उत्पादन या नए खदान में उत्पादन शुरू करने के लिए पुरानी परंपरा अनुसार ब्लास्टिंग का उपयोग किया जा रहा.पिछले एक दशक से ब्लास्टिंग सामग्री (EXPLOSIVE) का दर्जा गुणवत्तापूर्ण नहीं होने के कारण कोयला या मिटटी(OB) चुरा या छोटे छोटे टुकड़े होने के बजाय बोल्डर में तब्दील हो रहे हैं.इसके परिवहन पर खर्च उम्मीद से ज्यादा बढ़ रहा,जिससे वेकोलि(WCL) को घाटा हो रहा.इस सूक्ष्म निरिक्षण के बजाय इसे नज़रअंदाज किया जा रहा.एक दशक बाद भविष्य उज्जवल रहे इसलिए वेकोलि(WCL) के CMD व CMPDI के प्रभारी CMD मनोज कुमार WCL-CMPDI का अभी से ही गंभीर प्रयास जरुरी हैं.
याद रहे कि EXPLOSIVE का COAL INDIA स्तर पर तय RATE CONTRACT दर पर मांग पूर्ति होती है.इसके चिन्हित वितरक होने से उनकी MONOPOLY सर चढ़ कर बोल रही.COAL INDIA की मांग/जरुरत के अनुसार BLASTING के लिए उपयोग किये जाने वाला EXPLOSIVE गुणवत्तापूर्ण रहा तो ब्लास्टिंग के बाद मिटटी/पत्थर या कोयला छोटे-छोटे टुकड़ों या चुरा में तब्दील होना चाहिए लेकिन हो रहा बोल्डर में तब्दील,अर्थात EXPLOSIVE निम्न दर्जे का बताया जा रहा.
इसका असर यह होता हैं कि उक्त बोल्डर को खदान से अन्यत्र जगह ले जाने पर ज्यादा फेरियां लगानी पड़ती हैं,वहीं चुरा या छोटा-छोटा टुकड़ा रहा तो ‘रूपए का 60 पैसे’ में काम हो जाता हैं.
उल्लेखनीय यह हैं कि कोल् इंडिया के रेट कॉन्ट्रैक्ट के तहत सिमित EXPLOSIVE देने वाले वितरक/आपूर्तिकर्ता हैं,इसलिए कोल् इंडिया के उत्पादन करने वाली कंपनी इस ओर ध्यान नहीं देते।इस मामले में WCL का उत्पादन खर्च घटाने के लिए वेकोलि(WCL) के CMD व CMPDI के प्रभारी CMD मनोज कुमार ने गंभीरता दिखानी चाहिए,इन्हें इस मामले में CMPDI की मदद लेने की आवश्यकता हैं।
OB में घपला,हो सूक्ष्म सर्वे
खदानों के OB को लेकर WCL प्रबंधन गंभीर नहीं हैं,इसलिए 10 का 15-20 लगाकर रिपोर्ट तैयार किया जाता।बाद में संगठित अपराध कर डेढ़-2 गुणा भुगतान करवाकर WCL को चुना लगाया जा रहा.इस मामले में CMPDI के प्रभारी CMD ने CMPDI की मदद लेनी चाहिए,इससे घाटे पर अंकुश लगेगा।नागपुर जिले में आधा दर्जन से अधिक खुला खदान शुरू हुआ या होने जा रहा हैं.
आर्थिक रूप से मजबूती हेतु महाराष्ट्र से बाहर निकले WCL
कोल् इंडिया में कई उत्पादन कंपनियां हैं,इनमें से आर्थिक रूप से WCL काफी कमजोर बताई जा रही.क्यूंकि WCL की खदानें या तो बंद होती जा रही या फिर सिकुड़ती जा रही.अर्थात कोयला उत्पादन पर गंभीर असर पढ़ रहा.इस सूरत में दशक-डेढ़ दशक तक WCL महाराष्ट्र के वर्धा वैली में टिक पायेगी। इसकी जानकारी WCL प्रबंधन,कोल् इंडिया प्रबंधन और कोल् मंत्रालय को भली भांति हैं.इस आर्थिक संकट से उबारने के लिए WCL को कोल् मंत्रालय ने बड़े बड़े कोल् ब्लॉक का OFFER दिया हैं.ये ब्लॉक छत्तीसगढ़ और उड़ीसा में होने की जानकारी मिली हैं.
WCL का सालाना उत्पादन 55 मिलियन टन के आसपास हैं और इन्हें कोल् मंत्रालय ने उड़ीसा का 70 मैट्रिक टन सालाना उत्पादन करने वाला कोल् ब्लॉक का ऑफर दिया हैं.इसके अलावा RGB रामपिया घोघरपल्ली जहाँ 75 मैटिक टन सालाना उत्पादन करने वाली ब्लॉक देने सम्बन्धी हामी भरी हैं.इन मामलों में भी CMPDI का भरपूर सहयोग लिया गया तो वेकोलि खुद को IMPROVE कर सकती हैं.
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