– वेकोलि की जेएन अस्पताल में घटी घटना पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से सूक्ष्म जाँच सह कार्रवाई की मांग की जिला उपप्रमुख वर्द्धराज पिल्लई ने
कन्हान :- वेकोलि की जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में 13 अप्रैल 2020 को जिम्मेदार प्रशासन की लापरवाही से कोरोना मरीजों की संसाधन आभाव में मृत्यु हो गई.इस मामले में जिम्मेदार जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेश कुंभेजकर,जिप स्वास्थ्य अधिकारी दिपक सेलोकर,इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल के जिला शल्य चिकित्सक व वेकोलि के स्थानीय मेडिकल ऑफिसर विजय माने हैं,मामले की सूक्ष्म जाँच कर दोषियों पर क़ानूनी कार्रवाई की जाए.उक्त मांग शिवसेना के नागपुर जिला उपप्रमुख वर्द्धराज पिल्लई ने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से की हैं.
पिल्लई द्वारा मुख्यमंत्री ठाकरे को दिए गए निवेदन के अनुसार जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेश कुंभेजकर,जिप स्वास्थ्य अधिकारी दिपक सेलोकर,इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल के जिला शल्य चिकित्सक व वेकोलि के स्थानीय मेडिकल ऑफिसर विजय माने ने गलत प्रस्ताव भेजकर जिलाप्रशासन से कोविड केयर सेंटर शुरू करने की मान्यता 27 मार्च 2020 को प्राप्त कर ली.48 बेड वाली सीसीसी के संचलन के लिए इस अस्पताल में न संसाधन थे और न ही चिकित्सक/कर्मी थे और तो और ऑक्सीजन भी काम चालू मात्रा में ही थी.
इस अस्पताल में 10 अप्रैल 2020 से एकमात्र मेडिकल ऑफिसर ही सेवाएं दे रहे थे,वे रोजाना सुबह 8.30 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक ही उपलब्ध रहते थे.दोपहर साढ़े 3 बजे के बाद से अगले दिन सुबह साढ़े 8 बजे तक कोरोना मरीज राम भरोसे समय व्यतीत करते थे,सवाल यह उठता हैं कि जब इतनी अपूर्ण व्यवस्था थी तो जिलापरिषद प्रशासन ने सीसीसी क्यों शुरू किया।जबकि नया सीसीसी शुरू करते वक़्त जिला और जिलापरिषद प्रशासन द्वारा पूर्ण संसाधन सह चिकित्सक-कर्मी की पूर्तता मामले को नज़रअंदाज किया गया.
पिल्लई के अनुसार जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेश कुंभेजकर,जिप स्वास्थ्य अधिकारी दिपक सेलोकर,इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल के जिला शल्य चिकित्सक व वेकोलि के स्थानीय मेडिकल ऑफिसर विजय माने की गलती से कोरोना मरीज अमित दिनदयाल भारद्वाज,किरण राधेश्याम बोराडे,कल्पना अनिल कडु व हुकुमचंद येड़पुड़े की 13 अप्रैल 2020 की सुबह ऑक्सीजन की कमी के कारण उनकी मृत्यु हो गई.इसी अस्पताल में इलाज करवा रही गर्भवती नमिता मानकर को अस्पताल में असुविधा के कारण अन्य अस्पताल ले जाते वक़्त उसकी भी मृत्यु हो गई.
उक्त घटना के बावजूद अस्पताल में अपूर्ण संसाधन कायम हैं,रोजाना 7 से 10 मरीजों की भर्ती जारी हैं.इनमें से जिन्हें ऑक्सीजन की कमी होती हैं,वैसे मरीजों को नागपुर के अस्पतालों में भेजा जा रहा.इस आवाजाही के चक्कर में मरीजों की रह में मृत्यु तक हो जा रही हैं.
पिल्लई ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का ध्यानाकर्षण करवाते हुए आरोप लगाया कि सीसीसी के नाम पर मरीजों के जान से खिलवाड़ का सिलसिला पिछले एक माह से सतत जारी हैं.इस ग़ैरकृत में वेकोलि के स्थानीय मेडिकल अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध हैं.इस पिल्लई से मुख्यमंत्री से मांग की कि उक्त सीसीसी के शुरू करने से लेकर 24 अप्रैल 2020 तक किये गए उपचार व्यवस्था की सूक्ष्म जाँच कर दोषियों पर कड़क क़ानूनी कार्रवाई करें।
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