– 12 फरवरी 2021 को किराए पर चल रहे कारों की समयावधि समाप्त हो चुकी थी,करीबियों को दिया गया तोहफा
नागपुर : सत्तापक्ष पर अपनी पकड़ कायम रखते हुए अपने करीबी किराए के वाहन चालकों/संचालकों को तरजीह देते हुए स्थाई समिति के मार्फत उन्हें एक वर्ष के लिए EXTENSION दिया गया.दूसरी ओर मनपा प्रशासन ने उक्त मामले पर नए सिरे से टेंडर करने के प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए स्थाई समिति को भेजा था।
आज सुबह स्थाई समिति सभापति की अंतिम बैठक में प्रशासन के उक्त प्रस्ताव को दरकिनार कर वर्तमान वाहन चालकों/संचालकों को 1 वर्ष का EXTENSION दिया गया।
उल्लेखनीय यह हैं कि इस टेंडर प्रक्रिया को रोकने के पीछे का महज एक कारण यह हैं कि सत्तापक्ष के मध्य अंदरूनी कलह पूर्ण शबाब पर शुरू हैं.एक विधायक दूसरे विधायक और उसके परिजनों को फूटी आँख सुहा नहीं रहा,उसे जड़ से उखाड़ने के लिए पूर्ण ताकत झोंक रहा.इस चक्कर में स्थाई समिति सभापति और सत्तापक्ष नेता बलि का बकरा बन रहे.क्यूंकि इनकी आड़ में उक्त खेल शुरू हैं.नियमानुसार मनपा में उंगलियों पर गिनने लायक अधिकारी-पदाधिकारियों को वाहन सुविधा देने का प्रावधान हैं, लेकिन तत्कालीन पदाधिकारियों ने खुद के लाभ के लिए अधिकारियों के कंधों पर बंदूक रख शेष अधिकारी-पदाधिकारियों को भी वाहन सुविधा उपलब्ध करवाने संबंधी आदेश पारित किया था।
जबकि अधिकारियों को PETROL ALLOWANCE भी वेतन के साथ दिया जाता हैं।तब अधिकारी पदाधिकारी सीमित थे और मनपा में वाहन और वाहन चालक भी समाधानकारक थे,जैसे जैसे समय बीतता गया,वाहन और वाहन चालकों की कमी होने के साथ पदाधिकारियों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती गई।इसके कारण मनपा को किराए का वाहन उपयोग में लाना पड़ा,जिसका 2-3 साल में टेंडर किया जाता हैं। मनपा में पहली बार पिछली दफे ऐसा टेंडर हुआ अर्थात अलग-अलग वाहनों का अलग-अलग दर।इनका भी टेंडर अवधि 12 फरवरी 2021में समाप्त हो गया।
सत्तापक्ष ने संबंधित विभाग के मुखिया को EXTENSION का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया,यह प्रस्ताव उपायुक्त जैन के पास जाकर लौटी और संबंधित विभाग में पड़ी होने की जानकारी मिली हैं। इस बीच यह जानकारी मिली कि सभी वाहन चालक-मालक एकजुट होकर नया टेंडर न निकाला जाए,इसके लिए भरसक प्रयास कर रहे। इसके लिए नाना प्रकार के उदाहरण/समस्या भी दर्शा रहे।
उल्लेखनीय यह हैं कि संबंधित विभाग के सूत्रों के अनुसार मनपा में चल रही किराए के सभी कार के कागजातों की कभी जांच नहीं की गई,बताया जा रहा कि अधिकांश कारों के कागजात UPDATED नहीं हैं। अर्थात मनपा की लापरवाही के दौरान किसी गाड़ी का दुर्घटना हुआ तो नुकसान भरपाई नहीं मिलेगी और दुर्घटना की जिम्मेदारी मनपा पर भी मढ़ी जा सकती हैं।
अब देखना यह हैं कि इस मामले में तथाकथित सत्तापक्ष संचलन करने वाला इस सम्बन्ध में बाजी मरता हैं या फिर प्रशासन को दखल लेना पड़ेगा।
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