कोयला श्रमिकों के वेतन समझौता का रास्ता हुआ साफ - Expert News
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कोयला श्रमिकों के वेतन समझौता का रास्ता हुआ साफ

कोयला श्रमिकों के वेतन समझौता का रास्ता हुआ साफ
Written by Expert News

– COAL INDIA जेबीसीसीआइ-11 के तहत निर्धारित होने वाला नया वेज एग्रीमेंट पहली जुलाई 2021 से लागू होना है। ऐसे में माना जा रहा है कि यदि अगले महीने भी कोल इंडिया कमेटी का गठन कर देती है तो समय पर एग्रीमेंट का निर्धारण हो सकेगा।

नागपुर – BCCI for pay agreement in Coal India कोल इंडिया में वेतन समझौते के लिए ज्वाइंट बाइपर्टाइट कंसल्टेटिव कमेटी ऑन कोल इंडस्ट्री ऑफ इंडिया-11(JBCCI) के गठन का रास्ता साफ हो गया है। कोयला मंत्रालय के उप सचिव राम शिरोमणि सरोज ने कोल इंडिया के चेयरमैन को इस संबंध में पत्र लिखा है। पत्र में जेबीसीसीआइ 11 का गठन शीघ्र करते हुए सभी 24 नवंबर 2017 को सार्वजनिक उपक्रम विभाग की ओर से दिए गए दिशानिर्देश के अनुसार व श्रम कानूनों के अनुरूप नए वेज एग्रीमेंट का निर्धारण किया जाए। कोयला मंत्रालय ने पत्र में कहा है कि सभी स्टेक होल्डर व कोयला कामगारों के हित में अविवादित ‘वेज एग्रीमेंट’ का जल्द निर्धारण किया जाए व इसकी जानकारी कोयला मंत्रालय को भी प्रेषित किया जाए। यह पत्र 7 मई को जारी किया गया।

तिवारी के पत्र बाद इंटक में विवाद शुरू
इंटक के एक गुट प्रमुख रेड्डी का कहना हैं कि देशभर में असली इंटक हमारा हैं,शुरुआत से ही कोल् इंडिया के सभी समितियों में हमारा इंटक ही प्रतिनिधित्व करता रहा हैं.वे इंटक के किसी तिवारी गुट को नहीं जानते,जल्द ही वे इंटक कोटे से JBCCI सदस्यों की सूची जारी करेंगे।
दूसरी ओर इंटक के दूसरी गुट के प्रमुख पूर्व सांसद ददई दुबे साफ़-साफ़ कहा कि मेरे नेतृत्व वाली इंटक ही असली इंटक हैं.देश के 27 राज्यों में उनका इंटक संचलन हो रहा हैं.न्यायालय में भी हमारा पक्ष मजबूत हैं.इसलिए हमलोगों ने JBCCI के लिए 6 मुख्य और 6 वैकल्पिक सदस्यों का नाम भेज दिया हैं.हर हाल में इस दफे हमारा इंटक ही JBCCI का प्रतिनिधित्व करेंगा।

उल्लेखनीय यह हैं कि तिवारी के नेतृत्व वाली इंटक का एक गुट ने पिछले दिनों 4 मुख्य और 4 वैकल्पिक सदस्यों का नाम कोल् इंडिया को भेज दिया,जिसके बाद से उक्त दोनों गुट बौखला गए और खुद को असली और दूसरे गुट को नकली बता रहे.

पहली जुलाई से लागू होगा वेज एग्रीमेंट
जेबीसीसीआइ-11 के तहत निर्धारित होने वाला नया वेज एग्रीमेंट पहली जुलाई 2021 से लागू होना है। ऐसे में माना जा रहा है कि यदि अगले महीने भी कोल इंडिया कमेटी का गठन कर देती है तो समय पर एग्रीमेंट का निर्धारण हो सकेगा। पांच वर्षों के लिए लागू होने वाला एग्रीमेंट पिछली बार वर्ष 2016 में लागू हुआ था। इसकी अवधि 30 जून 2021 को समाप्त हो रही है। ट्रेड यूनियन नेताओं की मानें तो मंत्रालय ने सही समय पर इसे लागू कर दिया है।

इंटक पर संशय बरकरार
जेबीसीसीआइ में इंटक सदस्य भाग ले सकेंगे अथवा नहीं इस पर संशय बरकरार है। कई गुटों में बंटे इस यूनियन के प्रतिनिधि पिछले जेबीसीसीआइ में भी भाग नहीं ले पाए थे। मामला अदालत में लंबित है। इस वर्ष कोयला मंत्रालय से जारी पत्र में भी कहा गया है कि इंटक के सदस्यों को बैठक में आमंत्रित किया जाए। हालांकि शर्त अदालत के निर्णय के आलोक में यह फैसला करने को कहा गया है। मामला चूंकि अभी भी विवादित है लिहाजा इस बार भी चार संगठनों के ही इसमें भाग लेने की संभावना दिख रही है।

बता दें कि जेबीसीसीआइ में पांच केंद्रीय मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधि बैठते हैं। इनमें ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस, इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस, भारतीय मजदूर संघ, हिंद मजदूर सभा व सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन शामिल हैं। प्रबंधन से कोल इंडिया चेयरमैन के साथ ही सभी अनुषंगी कंपनियों के सीएमडी व निजी कोल कंपनियों के प्रतिनिधि भी बैठक में आमंत्रित किए जाते हैं।

पुराने श्रम कानूनों के तहत ही होगा निर्धारण
जेबीसीसीआइ-11 के गठन के साथ ही तय हो गया कि फिलहाल नया श्रम कानून कोरोना महामारी तक लागू नहीं हो रहा। जेबीसीसीआई-10 के प्रतिनिधियों के अनुसार यदि नया श्रम कोड लागू हो जाता तो उसमें द्विपक्षीय कमेटी का गठन संभव नहीं था। प्रबंधन अपनी ओर से ही निर्णय ले लेता कि इस बार कितनी वेतन वृद्धि करनी है। उसमें ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों की भागीदारी नहीं होनी थी। ऐसे में जेबीसीसीआइ का गठन ही नहीं होता। दूसरी तरफ वेज एग्रीमेंट भी 10 वर्ष के लिए होता। अब यह तय है कि यह पुराने श्रम कानून के तहत ही गठित होगा व लागू भी होगा। हालांकि कोयला मंत्रालय के पत्र में ठेका श्रमिकों के मामले में किसी तरह की चर्चा नहीं होने पर उन्होंने ऐतराज भी जताया। एक अन्य सदस्य ने जेबीसीसीआइ गठन के निर्णय को सही करार देते हुए उम्मीद जताई कि यह सही समय पर गठित होगा और एग्रीमेंट भी सही समय पर हो जाएगा।

रेड्डी ने की जयमंगल की सिफारिश
इंटक के एक गुट प्रमुख डॉक्टर जी संजीवा रेड्डी ने कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक को पत्र लिखकर इंटक महासचिव राजेंद्र सिंह की जगह जेबीसीसीआई व सेफ्टी में उनके पुत्र विधायक जयमंगल सिंह को सदस्य नियुक्त करने को कहा है। राजेंद्र सिंह का निधन हो चुका है।
पिता के निधन के बाद बेरमो विधानसभा उपचुनाव जीतकर झारखंड विधानसभा में पहुंच चुके हैं। अब मजदूर राजनीति में पांव जमाने में जुट गए हैं। उनकी नजर अब कोल इंडिया मजदूरों के प्रतिनिधि के रूप में उन पदों पर है जिनपर राजेंद्र सिंह प्रतिनिधित्व करते थे।

जेबीसीसीआइ के लिए इंटक अध्यक्ष ने कोल इंडिया को लिखा पत्र
इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष वह पूर्व सांसद डॉक्टर जी संजीवा रेड्डी ने कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक को पत्र लिखकर इंटक महासचिव राजेंद्र सिंह की जगह जेबीसीसीआई व सेफ्टी में विधायक कुमार जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह और सेफ्टी कमेटी व स्टैंडराइजेशन कमेटी में सौभाग्य प्रधान को प्रतिनिधित्व देने के लिए कहा है। इधर फेडरेशन व आरसीएमएस के केंद्रीय अध्यक्ष के पद अनूप सिंह संभाल रहें है, पहले ऐस पद पर राजेंद्र प्रसाद सिंह थे। जबकि प्रधान एमसीएल में इंटक से सबंध्द यूनियन के अध्यक्ष है।

फिलहाल इंटक कोल इंडिया की कमेटियों से बाहर
इंटक फिलहाल कोल इंडिया की कमेटियों में श्रम मंत्रालय की रोक के बाद नहीं बैठ पा रही है। विधायक अनूप सिंह ने केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि जल्द ही इस पर सकारात्मक निर्णय आ जाएगा। अन्य पब्लिक सेक्टर में इंटक से सबंध्द यूनियन के प्रतिनिधियों को बैठक में बुलाया जा रहा है। इस लिए आरसीएमएस को भी जगह मिलना चाहिए।उल्लेखनीय यह हैं कि फिलहाल इंटक कोल इंडिया की कमेटियों से बाहर इंटक फिलहाल कोल इंडिया की कमेटियों में श्रम मंत्रालय की रोक के बाद नहीं बैठ पा रही है। विधायक अनूप सिंह ने केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि जल्द ही इस पर सकारात्मक निर्णय आ जाएगा। अन्य पब्लिक सेक्टर में इंटक से सबंध्द यूनियन के प्रतिनिधियों को बैठक में बुलाया जा रहा है। इस लिए आरसीएमएस को भी जगह मिलना चाहिए।

मानकीकरण समिति की 16 अप्रैल की बैठक रद्द
जेबीसीसीआई 10 की मानकीकरण समिति की 16 अप्रैल को सिंगरौली में होने वाली बैठक स्थगित कर दी गई थी। कोल इंडिया के महाप्रबंधक (मेनपावर एवं औद्योगिक संबंध) अजय कुमार चौधरी ने बैठक स्थगित किए जाने से संबंधी चिट्ठी जारी की थी। लिखा है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण सिंगरौली जिला प्रशासन की ओर से तय गाइडलाइन को देखते हुए बैठक स्थगित की गई।



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