कड़े निर्बंध नामक “लाॅकडाउन” को चेंबर का विरोध


विदर्भ के 13 लाख व्यापारियों की अग्रणी व शीर्ष संस्था नाग विदर्भ चेंबर आॅफ काॅमर्स ने विदर्भ के महाराष्ट्र सरकार द्वारा पुनः 15 अप्रैल से 30 अप्रैल 2021 तक बढ़ाये गये कड़क ¬निर्बंध का तीव्र विरोध दर्शाया है।

चेंबर के अध्यक्ष श्री अश्विन मेहाड़िया ने कहा कि सरकार ने पुनः लाॅकडाउन में व्यापारी वर्ग को कोई भी रियायत न देते हुये व्यापारियों के विश्वास पर कुठाराघात किया हैं। अर्थव्यवस्था का दुसरा महत्वपूर्ण घटक, जिसके व्यापार द्वारा आम आदमी की रोजीरोटी चलती है। सरकार ने लाॅकडाउन के नाम पर आर्थिक बोझ से दबाकर, व्यापारी के परिवार एवं उनके कर्मचारियों को सहपरिवार भुखमरी की नौबत ला दी है। माननीय मुख्यमंत्री ने व्यापारियो के साथ चर्चा में कहा था कि कोरोना महामारी राज्य में बहुत बढ़ रही हैं। अतः हमें महामारी पर भी रोक लगानी एवं आर्थिक गतिविधी भी शुरू रखनी है। उन्होंनें व्यापारी वर्ग को शिथिलता के साथ पांबदी लगाने की बात कही थी किंतु एक सप्ताह के विचार विमर्श के बाद Non-Essential वस्तुओं के व्यापारियों के लिये लाॅकडाउन को कड़े प्रतिबंध में बदल दिया।

चेंबर ने सरकार से मांग की थी कि यदि सरकार, कोरोना महामारी के नाम पर व्यापारी वर्ग के व्यापार करने पर निर्बंध लगाती है तो सरकार ने व्यापारी के परिवार एवं उनके कर्मचारियों को सहपरिवार भरण-पोषण के आर्थिक मदद करनी चाहिये, व्यापारी के दुकानो के किराया, बिजली बिल, पानी बिल आदि की सरकारी कोष से भरने की व्यवस्था करनी होगी। किंतु सरकार ने व्यापारियो की कोई भी आर्थिक मदद न करते हुये उल्टे उन पर और अधिक कड़क निर्बंध लगा दिये तथा साथ ही ई-काॅमर्स द्वारा अत्यावश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की अनुमती भी प्रदान कर दी।

लाॅकडाउन में दुकाने तथा बाजार बंद रहेंगे तो आम जनता और व्यापारी बिना वजह से सड़कों पर घूमते नजर आयेंगे। जिससे कोरोना का फैलाव और अधिक होगा। सरकार ने अत्यावश्यक सेवा के नाम पर अधिकांश व्यापार एवं सेवाएं शुरू रखने की अनुमती दी है। इस बात की क्या गारंटी है कि अत्यावश्यक काम के नाम पर, घर से बाहर निकलने वाला व्यक्ति संक्रमति नहीं है?

चेंबर के सचिव श्री रामअवतार तोतला ने कहा कि नाग विदर्भ चेंबर आॅफ काॅमर्स सरकार से अपील करता है कि यदि लाॅकडाउन को सफल करना है तो कड़े प्रतिबंध के साथ-साथ अत्यावश्यक वस्तुओं की दुकानों एवं सेवा को समय-सीमा में लाना होगा तथा लाॅकडाउन अवधी में ई-काॅमर्स द्वारा अत्यावश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर भी पूर्णतः रोक लगाना होगा। अन्यथा सभी बाजारों को खोलकर नियमित व्यापार करने की अनुमती देना चाहिये।

चेंबर के उपाध्यक्ष श्री फारूखभाई अकबानी ने कहा कि सरकार ने कोरोना संक्रमण की चैन तोड़ने के लिये जनमानस पर कड़े निर्बंध के साथ -साथ मेडिकल व्यवस्था मजबूत करते हुये दवाओ की आपूर्ति में वृद्धि, टीकाकरण में वृद्धि करना चाहिये। हाॅस्पीटल सुविधाओं में सुधार करना चाहिये। ताकि संक्रमित मरीज जल्द से जल्द स्वस्थ्य होवे तथा मृत्युदर में भी कमी आये तथा टीकाकरण के कारण वायरस कमजोर होकर संक्रमण न फैले। साथ ही चेंबर यह भी अपील करता है कि महामारी के दौरान बढ़ायी गयी मेडिकल सुविधाओं को सरकार ने हमेशा शुरू रखना चाहिये। ताकि भविष्य में संक्रमण बढ़ने पर या कोई भी प्राकतिक आपदा आने पर मेडिकल सुविधाओं के अभाव में सरकार को व्यापारी वर्ग पर प्रतिबंध लगाने की आवश्कता न पड़े।
उपरोक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति द्वारा उपाध्यक्ष श्री फारूखभाई अकबानी ने दी।




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