महत्त्वपूर्ण दस्तावेज़ समेत पूरा कार्यालय जलकर राख
नागपुर. सिविल लाइन्स के प्रशासकीय इमारत क्र. 2 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना कार्यालय में रविवार सुबह भीषण आग लग गई. देखते ही देखते पूरा कार्यालय आग की चपेट में आ गया. जानकारी मिलते ही अग्निशमन विभाग के जवान घटनास्थल पर पहुंचे. ढाई घंटों के प्रयास के बाद आग पर नियंत्रण पाना संभव हुआ. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और पूरा कार्यालय जलकर राख हो गया. इमारत के पहले मंजले पर आयुक्त का कार्यालय है. सुबह 8.30 बजे के आस पास इमारत में तैनात सुरक्षा गार्ड चौबे को कार्यालय की खिडकी से धुंआ निकलता हुआ नज़र आया. धुंआ चारों ओर फ़ैल गया जिससे आग लगने का शक यकीन में बदल गया और चौबे ने तुरंत अग्निशमन विभाग को जानकारी दी. सीएफओ उचके, अग्निशमन अधिकारी सुनील डोकरे, तुषार बाराहाते और शालिक कोठे टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे.
शुरुआत में सिविल फायर स्टेशन से 2 वाहन बुलाए गए. लेकिन आग के बढ़ने की वजह से यह पर्याप्त नहीं था. परिसर में धुंआ फैलने की वजह से अग्निशमन टीम ने अॅल्यूमिनियम की सीढ़ी लगाकर खिड़की से आग बुझाने का प्रयास किया. इसके बाद फायर एग्जिट से अग्निशमन कर्मचारियों ने इमारत में प्रवेश किया. दोनों तरफ से आग बुझाने का काम शुरू किया गया. आग को नियंत्रण में लाने के लिए टीम ने बहुत प्रयास किया. तकरीबन 11 बजे के आस पास आग बुझाने में फायर ब्रिगेड के जवानों को सफलता मिली. लेकिन तब तक कार्यालय के कंप्यूटर, फर्निचर, फॉल्स सीलिंग, फाइलें, पार्टिशन, फॅन, लाइट सब कुछ जलकर राख हो चुका था. विशेष बात तो यह है कि बड़े पैमाने पर मनरेगा संबंधित फाइलें और दस्तावेज़ यहाँ रखे गए थे. कौन से दस्तावेज़ जल गए और कौन से बच गए है यह तो जाँच के बाद ही पता चलेगा.
आग लगने का कारण पता नहीं चल सका है. अनुमान लगाया जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी है. सदर पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर पंचनामा किया. अग्निशमन विभाग के गणेश राजुरकर, दिनेश लोणकर, विकास ठाकरे, रुपेश मानके और दिनकर गायधने का आग को बुझाने में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा.






















Source link