महाराष्ट्र राज्य के नागपुर में पुनः लाॅकडाउन को एन.वी.सी.सी. का कड़ा विरोध


लाॅकडाउन के बाद कोरोना महामारी खत्म होगी या व्यापारी खत्म होगा

महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना महामारी के राज्य मे बढ़ते हुये संक्रमण को देखते हुये पुनः राज्य मंे 5 अप्रैल से 30 अप्रैल 2021 तक जीवनावश्यक वस्तुओं की दुकानों को छोड़कर सभी तरह की दुकाने बंद रखने का आदेश देकर लाॅकडाउन की घोषणा की है।

विदर्भ के 13 लाख व्यापारियों की अग्रणी व शीर्ष संस्था नाग विदर्भ चेंबर आॅफ काॅमर्स के अध्यक्ष श्री अश्विन मेहाड़िया के नेतृत्व में सभी व्यापारियों की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर लाॅकडाउन का कड़ा विरोध दर्शाया है। अध्यक्ष श्री अश्विन मेहाड़िया ने कहा कि नागपुर शहर में फरवरी 2021 से लाॅकडाउन चालू है। अब राज्य सरकार ने संपूर्ण महाराष्ट्र के साथ नागपुर में भी लाॅकडाउन को बढ़ाया गया है। जिसके कारण हमारी की अर्थव्यवस्था पूर्ण तरह से अस्त-व्यस्त हो जायेगी। गत वर्ष से लाॅकडाउन में सबसे ज्यादा नुकसान छोटे व मझोले व्यापारी वर्ग को हुआ है। सरकार ने बजट में छोटे व मझोले व्यापारी के लिये कोई विशेष पैकेज की घोषणा नही की है करों में व्यापारी वर्ग कोई छुट नहीं दी है और बल्कि करों के अनुपालन संबंधी कड़े नियम लागू करते हुये जुर्माने की दर भी बढ़ा दी है। साथ ही लाॅकडाउन में बिजली बिल, टेलीफोन बिल और अन्य बिलों का भुगतान करना पड़ता है। लाॅकडाउन के नाम पर दुकाने ही बंद ही रहेंगी तो व्यापारी वर्ग करों एवं बिलों का भुगतान कहां से करेगा।

चेंबर के सचिव श्री रामअवतार तोतला ने कहा कि व्यापारी वर्ग अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं। व्यापारी वर्ग ही व्यापार के द्वारा टैक्स संग्रह कर सरकारी खजाने में जमा कराता है। उसी टैक्स के भरोसे सरकार चलती है। यदि व्यापार ही बंद रहेगा तो व्यापारी टैक्स कहां से भरेगा। सरकार लाॅकडाउन में उद्योग जगत को आंशिक पांबदियों के साथ छुट प्रदान की है। सारी पाबंदिया व्यापारी वर्ग के लिये ही है। उद्योग जगत वस्तुओं का निर्माण करेगा किंतु थोक एवं रिटेल बाजार बंद रहेंगे तो वस्तुओं की बिक्री कहां होगी, तथा लाॅकडाउन में बिल्डिंग निर्माण कार्य शुरू रखने की अनुमती दी, किंतु निर्माण संबंधी वस्तुओं की दुकाने बंद रहेंगी तो निर्माण कार्य कैसे होगा। इसक संज्ञान भी सरकार ने नही लिया है।

नाग विदर्भ चंेंबर आॅफ काॅमर्स सरकार से विशेष अपील करता है कि पूर्ण लाॅकडाउन के आदेश को वापस लेते हुये जनता पर कड़ी पाबंदियां लगाना चाहिये तथा नियमों एवं पाबंदियों की अवहेलना करने वालों पर नियमों के तहत कार्यवाही की जानी चाहिये। व्यापारी वर्ग लाॅकडाउन लागू होते ही शुरूआत से ही सरकार को सहयोग करते हुये नियमों के तहत एवं सरकारी दिशा निदेर्शो का पालन करते हुये व्यापार करते आया है। बढ़ता हुआ कोरोना हम सबकी चिंता का विषय है किंतु बाजार एवं व्यापार बंद करना इस महामारी का निवारण नहीं है। व्यापारी कोरोना महामारी से नहीं किंतु लाॅकडाउन के कारण आर्थिक तंगी से अवश्य खत्म हो जायेगा। अतः सरकार ने लाॅकडाउन न लगाते हुये नियमों के तहत व्यापार करने की अनुमती प्रदान कर व्यापारियों को राहत देना चाहिये।

उपरोक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति द्वारा सचिव श्री रामअवतार तोतला ने दी।




Source link

Leave a Reply