APPROVED GRADE और REALISATION GRADE में अंतर ?


– इससे WCL को हो रहा राजस्व नुकसान

नागपुर : WCL अंतर्गत MINES शुरू करने हेतु GEOLOGICAL AND MINING सर्वे बाद खदानों को मंजूरी दिलवाने के लिए जिस GRADE को सामने रखा जाता हैं,अर्थात जिस GRADE के आधार पर खदान शुरू करने की मान्यता मिलती हैं उसके उलट जब उत्पादन शुरू किया जाता तो दर्शाया गया GRADE कम हो जाता हैं.इससे WCL को बड़ा राजस्व नुकसान हो रहा हैं.

ज्ञात हो कि कोयले का ग्रेड Central Institute of Mining and Fuel Research (CIMFR) घोषित करती हैं.कोयले के ग्राहक को तय GRADE का कोयला नहीं देने पर ,WCL को उसका पैसा नहीं मिलता हैं.नियमनुसार WCL ने जिस GRADE को दर्शाकर कोयला बेचा और ग्राहक ने कोयला का GRADE जांचा ,जिसमें 2 ग्रेड कम पाया गया तो WCL को राजस्व का नुकसान होता हैं.

या फिर WCL के सम्बंधित अधिकारियों के सांठगांठ से सांठगांठ वाली समूह को मुफ्त में कोयला देने के लिए गुणवत्तापूर्ण कोयले में पत्थर मिलाकर उन्हें SUPPLY कर दिया जाता हैं और जब उक्त कंपनी GRADE CHECK REPORT पेश करती हैं तो उसमें दर्शाये गए GRADE कम होने के कारण उन्हें मुफ्त में कोयला मिल जाता हैं.

पिछले वर्ष डुमरी कोल साइडिंग से कोयला ग्राहक के पास गया और कई रैक के पैसे आजतक WCL को नहीं मिले।
उक्त मामले की गंभीरता को देखते हुए एमओडीआई फाउंडेशन ने नए CMD मनोज कुमार गुप्ता से मांग की हैं कि उक्त मामले को सूक्ष्मता से जाँच करें और ठोस उपाययोजना कर WCL को आर्थिक तंगी से उबारने की कोशिश करें।



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